रक्तबीज जगह जगह से सिर उठा रहा है
कितने रूप में गरिब संहारक आतंक कितनी जगह से कितने सिर उठायेगा? असम में सीरियल ब्लास्ट यानी सिलसिलेवार धमाकों ने फिर बहुतों की जान ली, बहुत कुछ जलाया, बहुत कुछ उजाड़ा, अनाथ बनाया और हर किस्म की मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज हेडलाइन और बहस मुबाहसे और नेताओं के बयान छा गये।
सिमी आइ एस आइ, उत्ता भारतीय राजनीति, पहले बिहारी फिर उत्तर प्रदेशी भैया, राहुल राज, धर्मवीर नारायण राय, मालेगाव और अब असम में उल्फा, हूजी और न जाने कौन कौन?
क्या अब ये सब रोजमर्रा का हिस्सा है?
पिछले साल असम में हुए बम ब्लास्ट का वीडियो देखकर जी दहल उठा
खबर यहां पढ़े
असम थरथराया : 15 मिनट, 12 ब्लास्ट असम में बम ब्लास्ट, 19 से ज्यादा घायल
3 comments:
aise hi chalega, yahan
देश के किसी भी हिस्से में अब आम आदमी सुरक्षित नहीं रहा. भारत के मनोनीत प्रधानमंत्री गुवाहाटी से राज्य सभा के लिय चुनकर आए हैं. एक ख़बर के अनुसार वर्ष २००५ में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और आसाम प्रदेश सरकार को चेतावनी दी थी, कि अगर बंगलादेशी घुसपेठियों को देश में घुसने से नहीं रोका गया तो हालत बहुत बुरे हो जायेंगे. पर दोनों सरकारों के सामने एक विवशता थी, अपने वोटों को कैसे रोकें?
भाई यह कमेन्ट मोडरेशन और शब्द सत्यापन हटाइए.
जी, कमेन्ट मोडरेशन और शब्द सत्यापन हटा दिया है
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