राज्योत्सव 2008 - सात दिवसीय राज्योत्सव एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम

रायपुर, 1नवम्बर 2008 प्रदेश के राज्यपाल श्री ई.एस.एल.नरसिम्हन ने आज रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सात दिवसीय राज्योत्सव एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ''राज्योत्सव 2008'' का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। श्री नरसिम्हन ने अपने उद्बोधन में कामना की कि छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर प्रगति पथ पर आगे बढ़ता रहे और देश के सबसे अग्रणी राज्य में एक बने। उन्होंने राज्य में सभी नागरिकों से आव्हान किया कि वे राज्य के विकास के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और यहां की सामाजिक समरसता, प्रेम-सद्भाव की भावना को सदैव कायम रखें।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यहां के नागरिकों को विशेष सुअवसर मिला है कि वे यहां के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, पुरखों और राज्य निर्माण के प्रणेताओं के सपनों और सोच को साकार कर सकें। इस सोच और सपनों को राज्य के दो करोड़ आठ लाख जनता की महत्वांकाक्षा, आवश्यकता तथा राज्य की विशिष्ट जरूरतों के मुताबिक साकार करने की जिम्मेदारी और दायित्व राज्य के सभी नागरिकों की है। आज का यह अवसर हमें मौका देता है कि हम छत्तीसगढ़ राज्य को अग्रणी तथा आदर्श राज्य बनाने के संकल्प को फिर से दोहराएं।

श्री नरसिम्हन ने कहा कि प्रागैतिहासिक काल और सभ्यता के प्रारंभ काल से ही सामाजिक-सांस्कृतिक सहित विविध क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ का उल्लेखनीय योगदान रहा है। इसकी अनूठी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक धरोहर है। कला और संस्कृति की दृष्टि से इसकी विशिष्ट पहचान है। यहां के कलाकारों ने राज्य के गौरव को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद देश के मानचित्र में इसका एक नया नक्शा, बना, लेकिन इसके पहले से ही छत्तीसगढ़ का अस्तित्व अपने विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र और अपनी सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं के आधार पर मौजूद था। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में विकास की अत्यधिक संभावनाएं हैं। यह देश के उन गिने-चुने राज्यों में से एक है जिसे प्रकृति ने उदारतापूर्वक वरदान दिया है और इसका लाभ उठाना राज्य के नागरिकों के ही हाथों में है। उन्होंने कामना की कि राज्य में विकास के असीम संभावनाओं तथा राज्य के भी सभी नागरिकों की कड़ी मेहनत और प्रयासों से छत्तीसगढ़ का उत्तरोत्तर विकास होगा और यह देश का अग्रणी राज्य बनेगा।

इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में डोंगरगांव के श्री पंचराम देवदास 'मोहरी वादन (मंगलधुन), दंतेवाड़ा की सुश्री लक्ष्मी सोढ़ी के दल द्वारा 'गौर नृत्य' तथा मुम्बई की सुश्री सुनिधि चौहान ने 'फिल्म संगीत पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुतियां देकर समा बांध दिया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव श्री सरजियस मिंज ने स्वागत भाषण में कहा कि त्यौहारों के साथ-साथ राज्य स्थापना दिवस का मनाया जाना छत्तीसगढ़ वासियों के लिए दोहरी खुशी का दिन है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे सात दिवसीय आयोजन का लाभ उठाएं। इस अवसर पर, सचिव संस्कृति श्री दुर्गेश मिश्रा, सचिव उद्योग श्री पी.रमेश कुमार, प्रबंध संचालक उद्योग विकास निगम श्री राजीव गोवर्धन, अध्यक्ष सी.आई.आई. श्री एस.के.जैन, संचालक संस्कृति श्री राकेश चतुर्वेदी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर आतिशबाजी के नजारों का सबने आनंद लिया। आतिशबाजी से बने जल प्रपात के दृश्यों और आसमान में बिखरती रंग-बिरंगी रोशनी ने सबका मन मोह लिया।

No comments: