एनकाउन्टर तो बहुत हुए होंगे पर आज मीडिया, यानी टी वी मीडिया के क्रान्तिकारी अविष्कार और जाबाज मीडिया कर्मी जनों के कारण पूरा देश और विश्व तथाकथित गलती और जानबूच कर किये गये मुठभेड़ मौर को देख पाती है।
भिवानी में रात को गलती से एनकाउन्टर होता हैख् तथाकथित गलती, पीछा करती पुलिस माथे में गोली मारती है।
वहीं दिन में सरे आम दुनिया के नजरों के सामने लाठियां चल रहीं है।
मेरी नजर में तो "रात को गलती" करने वाले फोर्स के दहशत को दरकिनार रख दुनिया को सच का नजारा दिखाने वाली मीडिया कभी सबसे बड़ी हिरों हैं जो "तथाकथित गलती" कर एक आटोमेटिक ब्रेक हैं।
ना कोई नाम, ना कोई शाबाशी, ना कोई बड़ा कैरियर पर सबसे बड़े प्रहरी मीडिया चौथे स्तंभ के वीर सिपाही जो दुनिया का साक्षात सच दिखाते हैं।
शायद कुलदीप के परिजनों ने मुआवजा ठुकरा दिया है यह भी एक स्वागत योग्य कदम है।
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